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दुराचारी रावण

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🚩 रावण के प्रति नख भर सम्मान वैदिक संस्कृति के प्रति द्रोह है। रावण प्रतीक है व्यभिचार का जिसने अपनी पुत्रवधू तक पर कुदृष्टि डाली, अपनी पत्नी मंदोदरी की बहन के हेमा साथ कुकर्म किया और उसके पति को मारकर उसे उठा लाया।  रावण प्रतीक है अपने सगे संबंधियों को त्रास देने का, उसने  अपनी बहन सूर्पनखा के पति विद्युत जिह्वा की हत्या कर दी। उसने अपने भाई से लंका छीन ली, अपने पिता को त्रास दिया, अपने मामा को स्वार्थ में मरवा दिया। अपने कुल खानदान को अपनी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ा दिया। अपने भाई को लात मार भगा दिया। रावण प्रतीक है अघन्या गाय के हत्यारे का, ऋषियों ब्राह्मणों के सामूहिक नरसंहार का। वैदिक व्यवस्था का परम शत्रु था रावण। यज्ञ और धर्म के किसी भी स्वरूप को अमान्य घोषित करने वाला रावण वैदिक देवताओं के प्रति घोर असभ्य था। रावण प्रतीक है कृतघ्नता का, उसने भगवान शिव से कृतघ्नता की, वह उतना ही शिवभक्त था जितना भस्मासुर, वस्तुतः उसने शिव के सामने दीन हीन होने का ढोंग किया। वह भगवान शिव से भी अहंकार करता था। ब्रह्मा से वर प्राप्त करने के बाद उनके प्रति भी वह कृतघ्न हो गया। अ...